वीआईपी लड़कियाँ सूरीनाम

Leticia
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Leticia, 25
सूरीनाम, वानिका

सूरीनाम खामोश नहीं। यह धड़कता है - हरा, गर्म, आत्मा से।
रात में वानिका में आवाज़ें नहीं - उनकी गूँज पकड़ती है, जो वर्षावनों से सूरीनाम नदी तक तैरती है। यहाँ सब कुछ जीवित है। लताएँ ताल रखती हैं। समय ज्वार-सा बहता है।

सूरीनाम की एस्कॉर्ट लड़कियाँ गोधूलि में चिंगारी-सी। वे चिल्लाती नहीं - उनकी ऊर्जा तुम्हें ढूंढ लेती है। वह चलती है, उसकी ड्रेस पाम के पत्तों-सी लहराती है, और तुम कहीं और देख नहीं सकते। उसकी आँखों में जंगल की चमक, मुस्कान में गर्मी जो सूर्यास्त की रेत-सी तपती है। ये महिलाएँ ज़िंदगी हैं: चमकती, बाज़ारों-सी गाती आत्माओं के साथ। वे सूरीनाम लिए हैं - स्रानन टोंगो का मिश्रण, मसालों की सुगंध, हर इशारे में शालीनता। वह जंगल के रास्तों की बात करती है या पराबो के ग्लास पर छेड़ती है - जैसे पुराने दोस्त हों। जानते हो, वह तुम्हारे ख़याल पढ़ लेती है।

वह जल्दी नहीं करती। तुम नदी किनारे सितारों के नीचे हो, वह पास में, और रात साँस लेती है - घड़ी से नहीं, हवा-सी जो त्वचा को सहलाती है। वह तुम्हें तुमसे बेहतर जानती है।

वानिका में एस्कॉर्ट नाटक नहीं करती। वह सच्ची है - हर उस नज़र में जो तुमसे मिलती है, हर शब्द में जो नदी की लहरों-सा गूँजता है। उसका अंतर्ज्ञान जंगल की हवा-सा: हल्का, सटीक। वह जानती है कब हँसना है, कब खामोशी को बोलने देना है। उसकी गर्मी जंगल के सितारों-सी। उसकी हँसी, कंगनों-सी खनकती - सुबह वानिका की रोशनी मिटाए, तब भी तुममें रहती है।

यह गलियों का शोर नहीं। लालटेनों का उजाला नहीं। सिर्फ़ एस्कॉर्ट नहीं।
यह चिंगारी है, जो चुपके से जलती है - और तुममें धधकती है।